हे भाइयों और बहनों !
क्या कुछ डालोगे छिद्र वाली पेट में,
कमाई का कुछ अंश डालते जाओ धरम के खाते में|
क्या लोगे भगवान के दरबार में,
नहीं तो खड़े रह जाओगे ओसारा में|
होश करो राजी पडहा कहने पर,
नहीं तो पछताओगे समय के चले जाने पर|
यही आह्वान है राजी पडहा का,
यही पुकार है चाला अयंग का|
जय धरम !
राजी-पडहा मंच !
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अन्ना आदि मुंजराना मलेका,
निनिम धर्में-र-अँदय बंगायो ||2||
उर्मी निनिम एरा लगदाय,
उर्मी गे जोड़गर र-अँदय बंगायो,
कोड़ा-कोड़ा र-अँदय बंगायो ||2||
जनम-करम चिचेंकय धर्में,
पोसा-आ परदा-आ लगेदयँ बंगायो ||2||
आशिष चिअदय उर्मीनिम्,
दवा नअदय उर्मीगेम,
धरम डहरेन ऐँद आ बंगायो
पडहा डहरेन ऐँद आ बंगायो ||2||
तङग आ जिया लेक्खा धर्में,
ओरमार ही जियन बंगे,
ऐरना लूरन चे आ बंगायो ||2||
दोषी गा र-अदन पहे,
निनिम धर्में तारोय-ओए बंगायो ||2||
निनिम जानुम तरोय,
अन्ना आदि मुंजराना मलेका,
निनिम धर्में-र-अँदय बंगायो ||2||
जय धरम !
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